Friday, October 23, 2020

स्नेहामृत











परस्पर स्नेह की अमृत- धारा,

 इस  जग में जहाँ बह जायेगी। 

क्षमा, दया और करुणा ,

वहाँ स्वतः चली आएगी। 


अपरिचित को अपरिचित से ,

सहायता सुलभ मिल जायेगी। 

असहाय और दीन भावना,

स्वतः नष्ट हो जायेगी। 


स्नेह की अमृत धार पा कर ,

रोगी  भी स्वस्थ हो जाएँगे। 

बंदीगृह मनोचिकित्सालय ,

 युद्ध-क्षेत्र  खाली हो जाएँगे। 


स्नेह भाव से ओत - प्रोत,

मनुष्य हिंसा नहीं कर पायेगा। 

करुणा और क्षमा-शीलता से परिपूर्ण,

ह्रदय क्रोध पर  विजय  पा जाएगा। 


स्नेह के कारण कण कण में, 

भगवंत  समा  जाएँगे

मंदिर - मस्जिद  जाए बिना ही,

 ईश्वर मिल जाएँगे। 


स्नेह के वश  माँ  भगवती  भी,

पुकार सुन दौड़ी  आएँगी। 

हो स्नेह-पूर्ण  हृदय  हमारा,

 पत्थर की मूरत भी मुस्कायेगी। 


स्नेह-रूपी जल से,

क्रोधाग्नि  बुझ  जायेगी। 

मधुरता का वास होगा ,

कटुता न स्थान ले पाएगी। 


अतिशय स्नेह के कारण 

पाषाण  पिघल जाएँगे। 

मरणासन्न  उठ  खड़े  होंगे ,

निर्जीव  जीवित  हो  जाएँगे। 


 स्नेह की अमृत -धार जहाँ ,

वहाँ  त्याग आ जायेगा। 

मुझ को तुम से अधिक मिले,

यह लोभ मिट  जाएगा। 


भूमि , धन और सत्ता के लिए ,

रक्तपात बंद हो जाएगा। 

मानवता का मानवता से,

अटूट संबन्ध  जुड़ जाएगा। 


बड़ी से बड़ी कमी भी,

 स्नेहामृत से पूरी हो जायेगी। 

स्नेहामृत की जीवन दायनी धारा ,

पूर्णता को परिपूर्णता  दे जायेगी। 


                                                


©अनंता सिन्हा 

12.10.2014




 





49 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२४-१०-२०२०) को 'स्नेह-रूपी जल' (चर्चा अंक- ३८६४) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  2. आदरणीया मैम,
    आपकी शुभ और सुंदर टिप्पणी ने मन में आनंद भर दिया।
    इतना बड़ा अवसर देने के लिये आपका हृदय से आभार।
    आती रहिएगा और अपना आशीष बनाये रखियेगा।
    सादर नमन।

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  3. बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति

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    1. आदरणीया मैम,
      आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। आप यहां आईं और अपनी प्रतिक्रिया दी, इसके लिए ह्रदय से आभार।
      मेरा अनुरोध है की आप यहाँ अधिक आया करें। आपका आशीष पाना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
      पुनः हार्दिक आभार व सादर नमन।

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  4. बहुत सुंदर स्नेह से वसुधा पर राम राज्य आ सकता है सही कहा आपने सुंदर भावों की सुंदर अभिव्यक्ति।

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    1. आदरणीया मैम,
      आपकी उत्साहवर्धक सुंदर टिप्प्णी ने मेरा दिन बना दिया। बहुत ख़ुशी हुई की आपको मेरी रचना अच्छी लगी। अपना स्नेह व आशीष बनाये रखियेगा और आती रहिएगा। ह्रदय से आभार व् सादर नमन।

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  5. पूर्णता को परिपूर्णता ❤️❤️ कितनी सुन्दर अभिव्यक्ति! Love conquers all..
    प्यारी बिटिया अनंता, हर बार की तरह, श्रेष्ठ रचना.. जीती रहो, लिखती रहो.. मेरा प्यार और आशीर्वाद 😙

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    1. मेरी प्यारी आंटी,
      आपको मैं आपके लिखने की शैली से ही पहचान जाती हूँ। आपका आशीष अनमोल है मेरे लिए। आपकी प्रतिक्रिया सदैव ही स्नेहिल और उत्साहवर्धक होती है।
      आती रहिये और अपना आशीष देती रहिये। ह्रदय से आभार आपको खूब सारा।



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    1. दीपा आंटी!!!
      सब से पहले तो आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। मेरी रचनाओं को आपका स्नेह व्हाट्सप्प पर तो मिलता ही रहा है पर आज आपको पहली बार मेरे ब्लॉग पर देख कर बहुत प्रसन्नता हो रही है। अपना आशीष बनाये रखियेगा ,आती रहिएगा।

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  7. Your imagination is so beautiful ananta!

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  8. थैंक यू गौरी। लव यू। मैं बहुत ही कृतज्ञ हूँ गौरी की मुझे तुम्हारी जैसी सहेली मिली जो मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए हमेशा तैयार रहती है। बहुत ख़ुशी हुई की तुम्हें रचना पसंद आयी। खूब सारा प्यार तुम्हें।

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  9. Wonderful expressions and so beautifully emoted. You are Inspiring, Ananta dear. Shailaja aunty.

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    1. शैलजा आंटी !!!! आपका बहुत बहुत स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। वैसे तो आपका आशीष व्हाट्सएप्प पर तो मिलता ही है पर आज आपकी पहली प्रतिक्रिया पाकर मन को बहुत हर्ष हुआ। कृपया आती रहिये और इसी प्रकार अपना स्नेह देती रहिएगा।


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    2. आदरणीया अनंता सिन्हा जी, नमस्ते!👏! आपने एक आदर्श परिवेश की कल्पना की है। उसे आपने सुंदर शब्दों से सजाया है। हार्दिक साधुवाद!

      मैंने आपका ब्लॉग अपने रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। कृपया मेरे ब्लॉग "marmagyanet.blogspot.com" अवश्य विजिट करें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं।
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      https://youtu.be/Q2FH1E7SLYc
      इस लिंक पर कहानी "तुम्हारे झूठ से मुझे प्यार है" का पाठ सुनें: https://youtu.be/7J3d_lg8PME
      सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ

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    3. आदरणीय सर , सादर प्रणाम
      मुझे बहुत प्रसन्नता है की आपको मेरी रचना अच्छी लगी परन्तु आपसे अनुरोध है अनंता कह क्र ही पुकारिये। मैं आपसे आयु में बहुत छोटी हूँ , यह औपचारिक सम्बोधन मुझे संकोच में दाल देता है। आप बीएस अपना आशीष दीजिये, आप जैसे वरिष्ठ जन का आना तो मेरे लिए और मेरे ब्लॉग के लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है, आते रहिएगा। मैं ज़रूर आऊँगी आपकी रचनाएँ पढ़ने और सुनने। पुनः प्रणाम

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  10. Congratulations Ananta on another feather in the cap! God bless.

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    1. हृदय से आभार आंटी आपके आशीष के लिए। आती रहिएगा।

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  11. स्नेह की अमृत धार ऐसी ही होती है... बहुत खूबसूरत ल‍िखा अनंता...क‍ि

    अपरिचित को अपरिचित से ,
    सहायता सुलभ मिल जायेगी।
    असहाय और दीन भावना,
    स्वतः नष्ट हो जायेगी।
    ...वाह

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    1. आदरणीया मैम,
      आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। इतनी सुंदर व उत्साहवर्धक टिप्पणी देने के लिए हृदय से बहुत बहुत आभार आपका। कृपया आती रहिएगा और अपना स्नेह व आशीष बनाये रखियेगा।

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  12. बहुत सुंदर शब्दों में कविता लिखी गई है। सभी पंक्तियां मन को छू लेने वाली हैं। दिल खुश हो गया।

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    1. मेरी प्यारी आंटी,
      सदा की तरह पहचान गयी आपको। खूब सारा आभार आपके आशीष के लिए। आती रहिएगा , बहुत ख़ुशी की आपको रचना अच्छी लगी।

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  13. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (28-10-2020) को   "स्वच्छ रहे आँगन-गलियारा"    (चर्चा अंक- 3868)   पर भी होगी। 
    -- 
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। 
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।  
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    1. आदरणीय सर,
      मेरे ब्लॉग पर आपका बहुत बहुत स्वागत है।
      आप मेरे अनुरोध पर यहाँ आये और मुझे इतना बड़ा प्रोत्साहन दिया , आपकी उदारता के लिए आपको नमन।
      कृपया अधिक आते रहा करियेगा । प्रणाम

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  14. स्नेह की अमृत -धार जहाँ ,
    वहाँ त्याग आ जायेगा।
    मुझ को तुम से अधिक मिले,
    यह लोभ मिट जाएगा।
    लाजवाब...
    शुभेच्छा सम्पन्न सकारात्मक चिन्तन लिए आपकी रचना ने मन मोह लिया । लिखती रहिए.. हार्दिक शुभकामनाएं💐

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    1. आदरणीया मैम,
      हृदय से आभार इतनी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए। आपने इतनी प्यारी टिप्पणी दी कि मेरा दिन बन गया। कृपया इसी प्रकार आती रहें और अपना आशीष बनाये रखें।

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  15. बेटा, भगवान ने हम सबों को अथाह स्नेह देने की क्षमता दी है और तुम्हारी कविता हम सबों में इसी क्षमता को जगाने का एक अति सशक्त प्रयास और आह्वाहन है |
    लिखती रहो और सदेव अच्छा लिखो|

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    1. मेरी प्यारी माँ ,
      इतनी प्यारी और सुंदर टिप्पणी केवल तुम दे सकती हो। तुम्हें आभार नहीं, एक बड़ी सी प्यार भरी झप्पी। हूँ, तुम्हारे और नन्नन के आशीर्वाद से ही लिखती हूँ। लव यू।

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  16. I wish these feelings must be spread all over the earth.......God give you strength.....keep going

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    1. मेरे अंकल जी,
      आप कभी भी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूकते , बहुत बहुत आभार अंकल आपके आशीष के लिए। मेरी भी यही इच्छा है।

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  17. ह्रदय से आभार शिवम्। आपको विशेष प्रसन्नता है क्यूंकि आप मेरी तरह विद्यार्थी हैं। आटे रहिये।

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  18. प्रिय अनंता,
    युवा पीढ़ी में आप जैसी सुंदर सोच वाले रचनाकारों की बहुत आवश्यकता है। सकारात्मक स्वप्नों की यह निर्झरी आपकी लेखनी से हमेशा ऐसे ही बहा करे, यही शुभकामना। आपकी और रचनाएँ भी पढूँगी। बहुत सारा स्नेह।

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    1. आदरणीया मैम ,
      मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए हार्दिक आभार। आपका यह प्यार भरे आशीष ने मेरा दिन बहुत शुभ कर दिया। आती रहिएगा।

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  19. भूमि , धन और सत्ता के लिए ,

    रक्तपात बंद हो जाएगा।

    मानवता का मानवता से,

    अटूट संबन्ध जुड़ जाएगा।

    काश ऐसा ही हो, बेहतरीन रचना अनंता।

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    1. आदरणीया मैम ,
      आपकी टिप्पणी बहुत ही उत्साह-वर्धक है। आपको रचना पसंद आयी, इसके लिए हृदय से आभार।
      कृपया आती रहें और अपना स्नेह व आशीष बनाये रखें।

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  20. सार्थक सृजन

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    1. आदरणीया मैम ,
      मेरे ब्लॉग पर आ कर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए हृदय से आभार। कृपया अपना स्नेह व आशीष बनाये रखें।

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  21. सुंदर! ईश्वर से प्रार्थना है कि आप साहित्य के अलंघ्य शिखर का अतिक्रमण करें! चरैवेति! चरैवेति!! चरैवेति !!!

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    1. आदरणीय सर ,
      आपका उत्साहवर्धक आशीष अनमोल है मेरे लिए । इतने प्यारसे मुझे प्रोत्साहित करने के लिए हृदय से आभार। कृपया अपना स्नेह व आशीष बनाये रखें।

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  22. बहुत सुंदर रचना आपका अंतर्मन इस रचना में प्रतिबिंबित हो रहा है ! स्नेह से किया गया हर कृत्य दिव्य हो जाता है,स्नेह बाँटने से बढ़ता है लेकिन बाँटने के लिए एक स्नेहपूर्ण हृदय भी चाहिए होता है,
    सस्नेह !

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  23. आदरणीया मैम,
    सब से पजल तो आपजे स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। आपके इस स्नेहिल व सुंदर प्रतिक्रिया के लिए हृदय से बहुत बहुत आभार। आपकी टिप्पणी ने मेरा उत्साह भी बढ़ाया और बहुत प्यारी सीख भी दी । कृपया आतीं रहिएगा और अपना स्नेह बनाये रखियेगा ।

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  24. अमृत कलश छलक रहा है ।

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  25. आदरणीया मैम,
    इतनी प्यारी और सुंदर प्रतिक्रिया के लिये आपका हृदय से आभार। कृपया आती रहें व अपना आशीष बनाये रखें।

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  26. अतिशय स्नेह के कारण

    पाषाण पिघल जाएँगे। म

    रणासन्न उठ खड़े होंगे ,

    निर्जीव जीवित हो जाएँगे।

    प्रिय अनन्ता, कहते हैं जिसके पास जो भी होता है वह वहीं बाँटता है। तुम्हारे पास एक स्नेह भरा निष्कलुष अंतरमन है, तभी तुम स्नेह की इतनी सुंदर कल्पना कर पाई। यदि ये सुंदर कल्पना साकार हो जाए तो दुनिया में रामराज्य ही आ जाए। सात्विक भावनाओं से ओतप्रोत इस रचना के लिए तुम्हें शुभकामनायें और हार्दिक प्यार। हमेशा आगे बढती रहो ❤❤🌹🌹💐💐❤❤

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    1. आदरणीया मैम,
      मुझे आपके आशीष की ही प्रतीक्षा थी। आपकी टिप्पणी मेरी रचनाओं को पूर्णता देतीं हैं और आपका आशीष सदैव मेरी प्रेरणा बन जाता है। आपको अनेकों बारी प्रणाम। आपका यह स्नेहिल प्रोत्साहन सदैव मिले।

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  27. अनंता, इतने सुन्दर विचारों की धनी हो।अवश्य तुम पर ईश्वर की कृपा है। जितना सुन्दर तुम्हारा मन उतनी ही सुंदर तुम्हारी रचना।

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    1. आदरणीया मैम,
      आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। आपके इस स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए हृदय से आभार। कृपया आतीं रहें और अपना स्नेह व आशीष बनाये रखें।

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