Thursday, August 11, 2022

सदा सुरक्षित घर आना

 

अपने सभी फौजी भाइयों  के सुख , स्वास्थ्य  व सुरक्षा की कामना करते हुए, रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में उन्हें समर्पित करती हूँ । 









जल-थल-नभ के प्रहरी तुम, अद्भुत वीर जवान।

लहू से सींचा  देश को जिसने, तुम बलिदानी बलवान।

उज्ज्वल भाग्य भारत के, तुम सौभाग्य हमारा।

ईश करें चिरायु तुमको , सदा सुरक्षित घर आना ।

 

सीमाओं पर युद्ध  छिड़े, प्रकृति कहर बरसाए।

जब भी विपदा आन पड़ी, तुम रक्षक बन आए।

सँजोया है बड़े जतन से, देश का ताना-बाना

ईश करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना। 

 

माँ भारती के लाल, तुम्हें अभिनंदन- वंदन है।

बढ़ो विजय के पथ पर, संग भारत का जन-जन है।

पाखंडी शत्रु घात लगाए, उसको धूल चटाना,

ईश करें चिरायु तुमको, सदा  सुरक्षित घर आना। 

 

देखें जब विजय तुम्हारी , सबका मन हर्षाता।

संकट में जो तुम आते, सबका मन मुरझाता ।

बसे हमारे प्राणों में तुम, मत अपने प्राण गवाना।

ईश करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।

 

 रहते अपने घर से दूर, हम घर में रह पायें ।

 सहते हो निर्मम प्रहार, कि  हम त्योहार मनाएं ।

 घर-घर कि खुशियाँ तुमसे, रहे घर खुशहाल तुम्हारा।

 ईश करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।

 

हर नाते से बढ़ कर, अटूट तुम्हारा नाता ।

हे भारत के वीर, तुम सभी बहनों के भ्राता ।

देता यह आशीष तुम्हें, कुटुंब विशाल तुम्हारा।

ईश करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।

 

लेकर हम सब नाम तुम्हारा, अखंडित दीप जलातीं ।

राखी के इस शुभ पर्व पर बरं-बार मनातीं ।

रक्षा -कवच देश के तुम, रहे कवच  अभेद तुम्हारा

ईश  करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित  घर आना ।

 

"©   अनंता सिन्हा 

११ /०८/२०२२  

जन्माष्टमी विशेष

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