अपने सभी फौजी भाइयों के सुख , स्वास्थ्य व सुरक्षा की कामना करते हुए, रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में उन्हें समर्पित करती हूँ ।
जल-थल-नभ के प्रहरी तुम, अद्भुत वीर जवान।
लहू
से सींचा देश को जिसने, तुम बलिदानी बलवान।
उज्ज्वल
भाग्य भारत के, तुम सौभाग्य हमारा।
ईश
करें चिरायु तुमको , सदा सुरक्षित घर आना ।
सीमाओं पर युद्ध छिड़े, प्रकृति कहर बरसाए।
जब भी विपदा आन पड़ी, तुम रक्षक बन आए।
सँजोया है बड़े जतन से, देश का ताना-बाना
ईश
करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना।
माँ
भारती के लाल, तुम्हें अभिनंदन- वंदन है।
बढ़ो
विजय के पथ पर, संग भारत का जन-जन है।
पाखंडी
शत्रु घात लगाए, उसको धूल चटाना,
ईश
करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना।
देखें
जब विजय तुम्हारी , सबका मन हर्षाता।
संकट
में जो तुम आते, सबका मन मुरझाता ।
बसे
हमारे प्राणों में तुम, मत अपने प्राण गवाना।
ईश
करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।
रहते अपने घर से दूर, हम घर में रह पायें ।
सहते हो निर्मम प्रहार, कि हम त्योहार मनाएं ।
घर-घर कि खुशियाँ तुमसे, रहे घर खुशहाल तुम्हारा।
ईश करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।
हर नाते से बढ़ कर, अटूट तुम्हारा नाता ।
हे
भारत के वीर, तुम सभी बहनों के भ्राता ।
देता
यह आशीष तुम्हें, कुटुंब विशाल तुम्हारा।
ईश
करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।
लेकर
हम सब नाम तुम्हारा, अखंडित दीप जलातीं ।
राखी
के इस शुभ पर्व पर बरं-बार मनातीं ।
रक्षा
-कवच देश के तुम, रहे कवच अभेद तुम्हारा
ईश करें चिरायु तुमको, सदा सुरक्षित घर आना ।
"©" अनंता सिन्हा
११ /०८/२०२२