बिना किसी सूत्रधार के मुझे अनगिनत कथाएं सनातीं हैं,
चमत्कारी रूप से अलग संसार में ले जातीं हैं।
प्राचीनता से आधुनिकता की यात्रा मुझे कराती हैं ,
विविध देश विदेश के पर्यटनों पर ले जातीं हैं।
महा-पुरुषों के जीवन की गाथाएं वह गाती हैं,
हमारी संस्कृति से हमारी पहचान कराती हैं ।
कभी मनोरंजन , कभी मनोमंथन का साधन बनतीं हैं ,
देतीं सुविचार हमें , जीवनमूल्य सिखातीं हैं।
ज्ञान का भंडार दे, समस्या का समाधान सुझातीं हैं ,
मेरी एकाकी में मेरी पुस्तकें सहस्त्र सखियों का धर्म निभातीं हैं।
©अनंता सिन्हा
12.10.2015
It's beautiful ❤️ true tribute to our forever best friends. Love the line सहस्त्र सखियों 👌
ReplyDeleteGod bless you Ananta 🙏
मेरी प्यारी सी आंटी,
Deleteआपको मेरी कविता इतनी अच्छी लगी , इसके लिए ह्रदय से आभार।
आपका प्यारभरा आशीष स्सदा मिलता रहे।
बहुत सुंदर लघु कविता प्रिय अनंता | पुस्तके एक पुस्तक प्रेमी के लिए सम्पूर्ण संसार होती हैं और एक अभिन्न मित्र की भूमिका निभाती हैं |आज डिजिटल युग में भी पुस्तकों की जगह विशेष है | जहाँ कहीं जी चाहे , वहीँ हमारे लिए ज्ञान की गंगा भा देती हैं ये मूक पुस्तकें | मौन रहकर भी अनगिन गाथाएं सूना जाती हैं तो एक सच्चे मार्गदर्शन से हमारा मार्ग प्रशस्त करती हैं | बहुर अच्छा लिखा तुमने | हमेशा आगे बढती रहो | मेरी दुयाएँ और प्यार |
ReplyDeleteआदरणीया मैम,
Deleteआपकी प्रतिक्रिया सदा ही मेरा प्रोत्साहन करतीं हैं।
मुझे बहुत प्रसंन्नता है कि आपको मेरी यह छोटी सी कविता अच्छी लगी।
हाँ, आज डिजिटल युग में भी पुस्तकों का स्थान कोई नहीं ले पाया है। यद्यपि आज पुस्तकें इंटरनेट पर किंडल और इ-बुक के रूप में उपलब्ध हैं पर ये भी एक वास्तविक पुस्तक की तरह आनंदकारी नहीं हैं। जो आनंद एक पुस्तक लेकर पन्ने पलटने में है वो इ-बुक पढ़ने में नहीं।
इतनी प्यार भरी टिप्पणी के लिए ह्रदय से आभार व सादर नमन।
कभी मनोरंजन , कभी मनोमंथन का साधन बनतीं हैं ,
ReplyDeleteदेतीं सुविचार हमें , जीवनमूल्य सिखातीं हैं।
बहुत सुंदर !!!!!!
पहली पंक्ति में त्रुटि सुधार
कथाएं सुनतीं---------------कथाएँ सुनाती हैं
आदरणीया मैम,
Deleteअभी सुधारती हूँ। ध्यान आकर्षित करने के लिए धन्यवाद।
आदरणीया मैम,
ReplyDeleteआज आपकी टिप्पणी देख कर बहुत खुशी मिली।
आपकी जैसी टीचर मिलना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। आज आपका आशीष मिला तो दिन बन गया। आज मेरी इस सफलता का श्रेय आप ही को जाता है। मुझे आज भी याद है की आप किस तरह हर हफ्ते मुझे एक विषय दिया करतीं थीं कविता लिखने के लिए। आपने मुझ में वो पहचाना और निखारा जो मुझे खुद में भी नहीं दिखा। आप इसी तरह मुझे अपना आशीष देती रहिएगा और आती रहिएगा।
सार्थक लेखन
ReplyDeleteआदरणीया मैम,
Deleteमेरे ब्लॉग पर आकर अपनी प्रोत्साहन भरी टिप्पणी देने के लिए ह्रदय से आभार।
अपना आशीष बनाये रखियेगा और आती रहिएगा।
देर से उत्तर सेने के लिए क्षमा चाहती हूँ। सादर नमन।
Nice
ReplyDeleteआदरणीया मैम ,
Deleteबहुत ख़ुशी हुई की आपको कविता पसंद आयी। अपना स्नेह व् आशीष बनाये रखियेगा और आती रहियेगा। देर से उत्तर देने के लिए क्षमा चाहती हूँ।
Ati sundar Ananta. God bless and wish you success.
ReplyDeleteVery well written Ananta! Love it
ReplyDeleteYou have such a beautiful and expressive style...wish you great success beta... blessings from Navita Aunty
ReplyDeleteVery nice , simple and clear.keep it up
ReplyDeleteKitne sanskshipt mein, sralata aur samjhdari se samast sakhiyon se hamari bhi mulakat Kara di.Ananta tumko mera dher Sara pyar aur aashirvaad, Archana Aunty
ReplyDeleteYs absolutely true, books are our best friends. Very well expressed Ananta.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteVery nice🌷
ReplyDeleteपुस्तक से अच्छा कोई मित्र नहीं. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति, बधाई.
ReplyDeletebadhiya hai ji....
ReplyDeleteज्ञान का भंडार दे, समस्या का समाधान सुझातीं हैं ,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
बहुत सुंदर शब्दों का चयन
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