हर नव- वर्ष की शुरुवात लोग नई प्रेरणा और नए संकल्प के साथ करते हैं , इस तरह "न्यू यर रेज़ोल्यूशन" लेने की प्रथा चली आ रही है और चलती रहेगी।
नव - वर्ष २०२१ की शुभ-कामनाओं के साथ मेरी यह प्रेरक कविता "कर सको तो करो "
कर सको तो करो मित्रता,
शत्रुता से दूर रहो।
बना सको तो दोस्त बनाओ,
लोगों में तुम प्यार बढ़ाओ।
बोल सको तो मधुर बोलो,
करवाहट मत घोलो।
शीतल जल सी मीठी वाणी,
मन को शीतल करती है,
कभी - कभी बाणों से ज़्यादा ,
वाणी ही आहत करती है।
मिटा सको तो दुश्मनी मिटा दो,
नहीं तो दुश्मनी मिटा देगी।
आने वाली पीढ़ी को,
तुम्हारे संग पिटवा देगी।
घटा सको तो तिमिर घटाओ ,
अपने मन में उल्लास जगाओ।
पारस पत्थर लोहा छू कर ,
सोना उसे बना देता है।
पर अपनी शक्ति वह ,
सोने को न दे पाता है।
पारस पत्थर से अच्छा,
तुम खुद को दीप बना लेना।
दीप जलाने की शक्ति,
हर दीपक में पहुंचा देना।
सीख सको तो हँसना सीखो,
कीमती होते हँसी के क्षण ,
जो जितना हँसता है,
उतना खुश रहता उसका मन।
पी सको तो गुस्सा पीलो,
क्रोध अक्ल को खाता है।
प्यार और शान्ति से बोल कर देखो ,
काम सुलभ हो जाता है।
कितने भी गहरे रहें गर्त,
स्नेह हर जगह जा सकता है।
कितना ही भ्रष्ट ज़माना हो ,
स्नेह सब को भा सकता है।
नए संकल्पों की बेला ,
ले कर आया नव - वर्ष।
है यह मंगल -कामना,
हो सब का उत्कर्ष।
© अनंता सिन्हा
01.01.2021
Very nicely written. Simple and meaningful. Well written
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार अंकल जी। आपका स्नेह और प्रोत्साहन अमूल्य है मेरे लिए।
DeleteVery nice Ananta! God bless
ReplyDeleteBarinder Bahadur
DeleteVery positive and nice poem.
Delete.keep it up Ananya
आपका बहुत बहुत आभार आंटी। आपने सदैव उत्साह बढ़ाया है। आपका आशीष अनमोल है। आती रहिये और अपना आशीष बनाये रखिये।
Deleteअति प्रेरक सकारात्मकता से परिपूर्ण ,संतुलित भावों से गूँथी सराहनीय अभिव्यक्ति प्रिय अनंता।
ReplyDeleteनववर्ष तुम्हारी मनमुताल्लिक मनोकामनाएँ पूर्ण हो।
स्नेह और शुभकामनाएं स्वीकार करो।
हर पल हर दिन नयी खुशियाँ लेकर आये।
सस्नेह।
आदरणीया मैम ,
Deleteआपके आने ने मुझे कितनी प्रसन्नता दी है, मैं बता नहीं सकती। साल के पहले दिन आपका आशीष मिला, मेरा दिन बन गया। एक शुभ और सुखद नव - वर्ष आपको भी। मेरा अनुरोध है आप अधिक आया करें और अपना आशीष बनाये रखें।
बहुत बहुत सुन्दर रचना | सीधे सच्चे शब्दों में मन की सहज पावन अभिव्यक्ति |
ReplyDeleteनव वर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभ कामनाएं |
Poem is full of positive thoughts, values. Anantha is enthusiastic,set to bring change to the world. God bless her with energy , undiluted vision.
ReplyDeleteHappyy New Year
बहुत सुन्दर और सारगर्ाभित।
ReplyDeleteनव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आदरणीय सर ,
Deleteआपका बहुत बहुत आभार। आपका आशीष मिला , यही बहुत बड़ी बात है मेरे लिए। अपना प्रोत्साहन बनाये रखियेगा।
कभी - कभी नहीं, अक्सर! बाणों से ज़्यादा ,
ReplyDeleteवाणी ही आहत करती है। .... बहुत सुंदर भाव और दर्शन विचारों के धरातल पर काव्यतरंगिनी बन लहराए हैं। बधाई और आभार! नव वर्ष २०२१ की आपको और आपके परिवार को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं...💥💥💥💐💐🥳🎂 विश्वमोहन
आदरणीय सर ,
Deleteआपका बहुत बहुत आभार। आपका आशीष मिला , यही बहुत बड़ी बात है मेरे लिए।आपने सदा उत्साह बढ़ाया है और आपकी टिप्पणियां सदा ही सुंदर और ऊर्जा से भरी होतीं हैं। अपना प्रोत्साहन व आशीष बनाये रखियेगा।
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना आज 2 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,
आदरणीया मैम, आपको किन शब्दों में आभार कहूँ। आपने सदा उत्साह बढ़ाया है। बहुत बहुत आभार आपका कि आपने यह अवसर दिया। मेरे लिये बहुत बड़ी बात है। कृपया आतीं रहें और अपना आशीष बनाए रखें।
DeleteVery touching and Positive lines.Keep it up!
ReplyDeleteनववर्ष मंगलमय हो। सुन्दर सृजन।
ReplyDeleteआदरणीय सर, हृदय से अत्यंत आभार। आपका प्रोत्साहन मेरे लिए अनमोल है। अपना आशीष बनाये रखियेगा। शुभ नव-वर्ष आपको भी।
Deleteअति सुन्दर कथ्य । शुभकामनाएँ ।
ReplyDeleteआदरणीया मैम ,
Deleteहृदय से आभार आपका। शुभ नव वर्ष आपको भी। अपना प्रोत्साहन बनाये रखियेगा।
Wonderful and heartfelt poem. Many congratulations and a happy new year, dear Ananta. Keep shining bright✨
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार आंटी। आपका आशीष अनमोल है। आती रहिये और अपना आशीष बनाये रखिये।
DeleteWow Ananta, lovely 😍
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार आंटी आपके प्रोत्साहन के लिए। अपना स्नेह बनाये रखियेगा और आती रहिएगा।
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteनए संकल्पों की बेला ,
ReplyDeleteले कर आया नव - वर्ष।
है यह मंगल -कामना,
हो सब का उत्कर्ष।
प्रिय अनन्ता, जनमानस के लिए कल्याणकारी भावों का उद्घाटन और सबके लिए मंगल की कामना करना ही सच्ची रचनाधर्मिता है. दुआ है कि रचना में पिरोई सभी कामनाएं फलीभूत हों. सुंदर, सार्थक मंगकामनाओं से भरी रचना के लिए बहुत -बहुत शुभकामनाएं और स्नेहाशीष. नव वर्ष में सफलता के पायदान खूब चढ़ो और साहित्य की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाओ❤❤🌹🌹
आदरणीया मैम ,
Deleteआपकी स्नेहिल और आशीष भरी प्रतिक्रिया सदा आनंदित कर देती है। आपने सदा ही उत्साह बढ़ाया है और आपकी सभी बातें मेरे लिए शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक हैं।
आपका मार्गदर्शन पाना मेरा सौभाग्य है। आती रहें व अपना आशीष बनाये रखें।
"....tum khudko deep bana lena."
ReplyDeleteitni gehri soch, samajh, aur Gyan is umr mein...kaise Ananya! Bhagwan tumko khoob kamyabi de aur aisi hi acchi samajh se tum hamesha aage badho.
हर पल हर दिन नयी खुशियाँ लेकर आये।
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