करुणा-निधान प्रभु राम हैं तो,
करुणा स्वयँ माँ जानकी।
हैं भक्त-वत्सल भगवान तो,
वात्सल्य-रूपिणी भगवती।
क्षमा-मंदिर प्रभु राम हैं तो,
क्षमा स्वयँ माँ जानकी।
हैं दीन-बन्धु भगवान तो,
दया स्वयँ माँ भगवती।
मंगल-भवन प्रभु राम हैं तो,
सुमंगला माँ जानकी।
व्याधि हरें भगवान तो,
सुख-स्वाथ्य दें माँ भगवती।
जिस भाव के भूखे प्रभु,
वह भावना माँ जानकी।
जिस प्रीति से प्रकटें प्रभु,
वह प्रीति है माँ भगवती।
विष्णु-स्वरूप प्रभु राम हैं तो,
लक्ष्मी-स्वरूपा जानकी।
पुरुषोत्तम हैं भगवान तो,
प्रकृति स्वयँ माँ भगवती।
करुणा-निधान प्रभु राम हैं तो,
करुणा स्वयँ माँ जानकी।
हैं भक्त - वत्सल भगवान तो,
वात्सल्य-रूपिणी भगवती।
अनंता सिन्हा
सर्व श्रेयष्करीम सीतां नतो अहं राम वल्लभाम।।🙏🙏🙏
ReplyDeleteआदरणीय सर, अपने इस श्लोक को लिख कर माँ जानकी की इस स्तुति को पूर्णता दे दी है । हृदय से अत्यंत आभार आपके आशीष भरे प्रोत्साहन के लिए।
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार १६ अप्रैल २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
आदरनिया मैम,
Deleteआपने सदा ही मुझे प्रोत्साहित किया है । जब भी आपके द्वारा मेरी रचना साझा होती है, सदा वही खुशी मिलती है जो पहली बार साझा होने पर मिली थी ।
आपका यह स्नेहिल प्रोतसहन मेरे लिए अनमोल आशीष है ।
हृदय से अत्यंत आभार, कृपया आती रहें ।
True bhakt of Siya Ram🤗 May they continue to bless you
ReplyDeleteमेरी प्यारी आंटी, आपका यह स्नेहिल आशीष अनमोल है । इस प्यारी सी प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत आभार। सदैव आतीं रहें।
DeleteJai Siya Ram 🙏
ReplyDeleteMay Lord Ram Bless you
An awesome presentation 👏
आदरणीय अंकल जी , आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी मन सदा आनंदित कर देती हैं ।हार्दिक आभार आपके प्रोत्साहन के लिए । कृपया आते रहें व अपना आशीष बनाए रखें ।
Deleteवाह !! बहुत सुंदर संस्कारी सृजन प्रिय अनंता | आज कलम जगी तो बहुत सुंदर रचना लाई| प्रभु श्री राम और माँ जानकी एक दूसरे के पूरक हैं |जैसे एक देह तो दुसरा प्राण - एक पुष्प तो दुसरा पुष्प में व्याप्त सुगंध | दोनों के प्रति तुम्हारी अनन्य आस्था से परिचित हूँ | रामकथा में तुम्हारी विशेष रूचि तुम्हारा सुंदर पारिवारिक संस्कार है जो बहुत ही प्रगाढ़ता से पोषित हुआ है | इस भावपूर्ण , प्यारी सी रचना के लिए तुम्हें ढेरों प्यार और शुभकामनाएं | यूँ ही भावों से भरे सृजन में रत हो -- यशस्वी बनो |
ReplyDeleteआदरनिया मैम, आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया मन को आनंदित और भावुक एक साथ कर देती है। मुझे आपके आशीष की विशेष प्रतीक्षा रहती है। आपकी टिप्पणियों ने सदा ही मेरी रचनाओं को पूर्णता दी है और सुबह -सुबह आपका आशीष पाना मन तरो-ताज़ा कर देता है ।
Deleteहृदय से अत्यंत आभार और आपको अनेकों बार प्रणाम ।
बहुत सुंदर।
ReplyDeleteहार्दिक आभार शिवम मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए ।
DeleteAtti Sundar
ReplyDeleteमेरी प्यारी आंटी, आपका हृदय से आभार मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए । कृपया आती रहें और अपना आशीष बनाए रखें ।
DeleteBeautifully worded poem. Bless you.
ReplyDeleteशैलजा आंटी !!! बहुत बहुत आभार आपकी आशीष भरी प्रतिक्रिया के लिए । आती रहें और अपना स्नेह बनाए रखें ।
DeleteVery nicely presented!
ReplyDeleteआदरणीय सर/मैम,
Deleteआपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर।
आपके प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत आभार। आते रहें व अपना स्नेह बनाये रखें।
Ananta Maa saraswati aapki kala ko aur nikhare. Atee uttam.👌
ReplyDeleteमेरी प्यारी आंटी। आपके इस प्यारे से आशीष के लिए हृदय से अत्यंत आभार। कृपया आती रहें और अपना स्नेह बनाये रखें।
DeleteWowww. Lovely Very well written. You are really blessed.
ReplyDeleteमेरी प्यारी आंटी। हार्दिक- हार्दिक आभार इस प्यारभरी प्रतिक्रिया के लिए। आपका आशीर्वाद अनमोल है। कृपया आती रहें और अपना स्नेह बनाये रखें।
Deleteबहुत सुन्दर और सार्थक ।
ReplyDelete--
ऐसे लेखन से क्या लाभ? जिस पर टिप्पणियाँ न आये।
ब्लॉग लेखन के साथ दूसरे लोंगों के ब्लॉगों पर भी टिप्पणी कीजिए।
तभी तो आपकी पोस्ट पर भी लोग आयेंगे।
आदरणीय सर,
Deleteमेरे ब्लॉग पर आ कर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए और मेरा मार्गदर्शन करने के लिए हृदय से अत्यंत आभार। मैं ज़रूर और ब्लॉग्स पर भी जाऊँगी, आप सब की रचनाओं को पढ़ना और प्रेरणा पाना तो मेरा सौभाग्य है। वैसे मैं जा कर पढ़ती रहती हूँ बस पढाई के चलते लिख नहीं पाती। कल से आपके ब्लॉग से शुभारंभ करती हूँ।
बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना । बहुत सारी हृदय से बधाई शुभ कामनाएं
ReplyDeleteआदरणीय सर, आप ने हर रचना पर आकर मेरा उत्साह बढाया है। आपकी इस उदारता के लिए आभार के सारे शब्द छोटे हैं।
Deleteकृपया आते रहें और अपना आशीष बनाये रखें
प्रभु राम और माता जानकी का अति श्रेष्ठ वर्णन. बहुत maturedकविता.
ReplyDeleteमेरे प्यारे अंकल जी, आपका आशीर्वाद पाना मन को सदा आनंदित कर देता है। बहुत बहुत आभार आपके इस स्नेहिल प्रोत्साहन के लिये। आपका आशीष मिलता रहे, यही कामना है।
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआदरणीया मैम, हार्दिक आभार आपके स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए। आपकी प्रतिक्रिया के लिये विशेष प्रतीक्षा रहती है। अपना आशीष बनाये रखियेगा, पुनः आभार।
Deleteनिश्छल भक्तिपूर्ण सुन्दर भजन !
ReplyDeleteआदरणीय सर, आपकी इस सुंदर पारी सी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार । कृपया आते रहें व अपना आशीष बनाए रखें ।
Deleteबहुत प्यारी और श्रेष्ठ रचना प्रिय अनंता,मैं भी श्रीराम और सीता माता के चरित्र से बहुत प्रेरित हूं,रामनवमी के अवसर पर कुछ पद और छंद डालूंगी जरूर आना पढ़ने,प्यारी बच्ची,ऐसे लिखती रहो, ढेरों शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआदरनिया मैम, आपकी इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए मेरे पास आभार के कोई शब्द नहीं । आपने मुझे अपने ब्लॉग पर आने को कहा , यह आपकी उदारता है । आपके ब्लॉग पर आ कर आपकी रचनाओं से प्रेरणा और शिक्षा पान मेरा सौभाग्य होगा । जरूर आऊँगी मैं । वैसे मैं आपके दोनों ब्लॉग पर जा चुकी हूँ पाँच लिंकों के माध्यम से पर फॉलो करना भूल गई, आती हूँ अभी फिरसे फॉलो करने ।
Deleteपुनः अत्यंत-अत्यंत आभार । कृपया आतीं रहें व अपना आशीष बनाए रखें ।
बहुत खूबसूरत भक्ति गीत |आप यशस्वी हों |स्वस्थ और सानंद रहें |
ReplyDeleteआदरणीय सर, आपकी इस आशीष भरी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। कृपया अपने स्नेह बनाये रखें और आते रहें।
Deleteवाह!बेहद खूबसूरत पंक्तियाँ। भक्तिभाव से परिपूर्ण। प्रभावित हूँ आपसे आदरणीया। आपको और आपकी लेखनी को सादर प्रणाम 🙏
ReplyDeleteमाँ शारदे की कृपा बनी रहे आप पर।