Tuesday, February 23, 2021

परिहास

 




किसी के मन पर आघात हुआ,
क्या वह सच्चा परिहास हुआ?
करे नष्ट किसी का स्वाभिमान,
क्या सच्ची होगी वह मुस्कान?

नित्य नया परिहास हो,
पर सदा निर्मल रहे।
ईर्ष्या, निन्दा या छल से भर कर,
नहीं किसी का उपहास बने।

वाणी में व्यंग्य न इतना घुले,
लज्जा से किसी का शीश झुके।
किसी का आत्मविश्वास टूटे,
या किसी का धैर्य छूटे।
कोई कुस्मृति याद आ जाए,
मन अवसाद से घिर जाए।
किसी के मन में ग्लानि भरे,
या किसी की एकाकी बढ़े।

परिहास सदा इतना सुख दे,
किसी रोगी को स्वस्थ करे।
किसी की चिंता हरण करे,
किसी का मन आश्वस्त करे।
किसी की भूल सुधारे,
ग्लानि न दे,
किसी अकेले की एकाकी हरे ।
किसी शत्रुता का नाश करे,
किसी मित्रता को आबाद करे।

सदा ऐसा विनोद हो,
किसी के नयन न नीर भरे।
इतना निश्छल हर हास्य हो,
कि सब के मन मुस्कान भरे।

 © अनंता सिन्हा


50 comments:

  1. वाह! बहुत सुंदर भावना का निश्छल प्रवाह! बधाई और आभार!!!

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    1. आदरणीय सर,
      आपकी आशीष भरी प्रतिक्रिया सदा ही उत्साह बढ़ाती है। हृदय से आभार मुझे सदा प्रोत्साहित करने के लिए। आते रहें व अपना स्नेह बनाये रखें।

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  2. बहुत सुंदर सार्थक सृजन प्रिय अनन्ता। हास और परिहास की सीमा रेखा निश्चित रूप से मर्यादित होनी चाहिए। हास-परिहास जीवन में आनंद भरते हैं। पर यदि ये किसी के अंतरमन पर आघात करते हैं तो दूसरे पक्ष के भीतर ऐसा अवसाद अथवा विषाद घोल देते हैं जिससे छुटकारा पाना मुश्किल होता है तो कटु स्मृति बनकर,rrएक घाव की दुःख देता है जो भले भर जाए, पर उसका निशान हमेशा रहता है। सरल, सहज ढंग से बहुत बड़ी बात लिख दी तुमने। निरंतर आगे बढती रहो माँ शारदे का आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे सर पर रहे। हार्दिक प्यार के साथ ❤❤🌹🌹

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    1. आदरणीया मैम , आपकी अपनत्व भरी प्रतिक्रियाएं मन को उत्साह और कृतग्यता से भर देती हैं।
      आपने जिस स्नेह से सदा प्रोत्साहित किया है, उसके लिए आभार के सारे शब्द कम पड़ जाते हैं। यही कामना करुँगी कि आपका आशीष मुझे सदा मिलता रहे।

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  3. सदा ऐसा विनोद हो,
    किसी के नयन न नीर भरे।
    इतना निश्छल हर हास्य हो,
    कि सब के मन मुस्कान भरे
    सुंदर पंक्तियाँ👌👌👌👌👌👌👌

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    1. आदरणीया मैम, पुनः अनेकों बार आभार व प्रणाम।

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  4. किसी के मन पर आघात हुआ,
    क्या वह सच्चा परिहास हुआ?
    करे नष्ट किसी का स्वाभिमान,

    क्या सच्ची होगी वह मुस्कान?

    Beautiful opening lines 👌ये प्रश्न कई बार मेरे मन में आया, पर जिस तरह से तुमने व्यक्त किया, सुन्दर ❤️ तुम्हारी हर कविता, कुछ सीख देकर जाती है.. God bless you 🙏

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    1. मेरी प्यारी आंटी, आपने सदैव उत्साह बढ़ाया है। हार्दिक- हार्दिक आभार इस सुंदर और स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए। कृपया आती रहें व अपना स्नेह बनाये रखें।

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  5. हास परिहास जीवन के बोझिल पलों के मुस्कान की चाभी है इसे किसी के मानसिक संताप की सूई न बनने दो...।
    वाह्ह
    कितना सुंदर सार और सार्थक संदेश है
    तुम्हारी कविता में प्रिय अनंता।
    लिखती रहो मेरी खूब सारी शुभकामनाएं तुम्हारे लिए।
    सस्नेह।
    खुश रहो।

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    1. आदरणीया मैम ,
      आपका आशीष अमूल्य है मेरे लिए। हृदय से अत्यंत आभार आपके स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए।
      आती रहें व अपना स्नेह और आशीष बनाये रखें।

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  6. Replies
    1. आदरणीय सर ,
      हार्दिक -हार्दिक आभार आपके आशीष के लिए। कृपया आते रहें।

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  7. Replies
    1. हार्दिक आभार शिवम।

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  8. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (२५-०२-२०२१) को 'असर अब गहरा होगा' (चर्चा अंक-३९८८) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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    1. आदरणीया मैम ,
      हार्दिक आभार इस शुभ समाचार के लिए। आपका स्नेहिल प्रोत्साहन अमूल्य है मेरे लिए। कृपया आती रहें व अपना आशीष बनाये रखें।

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  9. बहुत सुंदर रचना।

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    1. आदरणीया मैम , आपके स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए हृदय से अत्यंत आभार। आती रहें व अपना स्नेह और आशीष बनाए रखें।

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  10. हार्दिक आभार आदरणीय सर । अपना आशीर्वाद बनाये रखें।

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  11. सुंदर भाव लिए सार्थक संदेश देती सुंदर रचना।
    परिहास सदा कोमल भाव वाला हो न कि माखौल उड़ाने वाला सत्य कहा आपने।
    सुंदर सृजन।

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    Replies
    1. आदरणीया मैम,
      सुंदर व उत्साह -वर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। आप सबों की प्रतिक्रिया ही मेरी ऊर्जा है। कृपया अपना स्नेह व आशीष बनाये रखें।

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  12. हास परिहास यूँ तो जीवन का अभिन्न अंग है लेकिन इसकी भी एक मर्यादा है ।
    उसी को रेखांकित करती सुंदर रचना

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    Replies
    1. आदरणीया मैम,
      सुंदर व उत्साह -वर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार। आप सबों की प्रतिक्रिया ही मेरी ऊर्जा है। कृपया अपना स्नेह व आशीष बनाये रखें।

      Delete
  13. सदा ऐसा विनोद हो,
    किसी के नयन न नीर भरे।
    इतना निश्छल हर हास्य हो,
    कि सब के मन मुस्कान भरे।

    हास-परिहास की सही सीमा दिखती और सार्थकता समझाती बेहतरीन रचना

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    Replies
    1. आदरणीया मैम, आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर।
      हार्दिक आभार इस सुंदर प्रतिक्रिया के लिए। आप आती रहा करें व अपना प्रोत्साहन दिया करें।
      आप सभी बड़ों का आशिष मेरी अनमोल पूँजी है।

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  14. Replies
    1. आदरणीय सर , आपका बहुत आभार मुझे प्रोत्साहित करने के लिए। कृपया आते रहें व अपना स्नेह और आशीष बनाये रखें।

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  15. अति सुन्दर कथ्य और स‌जन । शुभकामनाएँ ।

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    Replies
    1. आदरणीया मैम, आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर।
      हार्दिक आभार मुझे प्रोत्साहित करने के लिए। कृपया आती रहें व अपना स्नेह बनाये रखें।

      Delete
  16. सदा ऐसा विनोद हो,
    किसी के नयन न नीर भरे।
    इतना निश्छल हर हास्य हो,
    कि सब के मन मुस्कान भरे।..सुन्दर और निश्छल प्रयास है आपका प्रिय अनंता ..अपने प्यारे और कोमल अहसासों को ऐसे बुनती रहो और लिखती रहो..सादर शुभकामनाएं..

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    1. आदरणीया मैम ,
      आपका हृदय से अत्यंत आभार आपकी स्नेहमयी व उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि आपको रचना अच्छी लगी। कृपया आती रहें व अपना आशीष बनाये रखें।

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  17. सबसे अलग सा ही लिखती हैं आप.....अति सुन्दर

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    1. आदरणीय सर,
      हार्दिक आभार आपके प्रोत्साहन भरे शब्दों के लिए। आपको रचना अच्छी लगी, मुझे बहुत खुशी हुई। कृपया आते रहे व अपना स्नेह बनाये रखें।

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  18. बहुत अच्छी है आपकी कविता । पूर्णरूपेण सहमत हूं मैं इसके भाव से ।

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    1. आदरणीय सर,
      आपका प्रोत्साहन अनमोल है। कृपया आते रहें व अपना स्नेह बनाये रखें ।

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  19. सही कहा आपने, जो किसी का भी दिल दुखाए, ऐसा परिहास नहीं करना चाहिए।

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  20. आदरणीय सर, हार्दिक आभार मेरी रचना पसंद करने के लिए। कृपया आते रहें व अपना प्रोत्साहन बनाए रखें।

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  21. जी बिल्कुल हास-परिहास मर्यादित ही सही

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  22. Your poem is touching a very delicate topic, defining limit between having fun and making fun . Very well knit rhyming of well thought words .

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    1. आपका बहुत बहुत आभार आंटी । आपको रचना अच्छी लगी , मेरा लिखना सार्थक हुआ । कृपया आतीं रहें और अपना आशीष बनाए रखें

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  23. Very well done Ananta. Most beautiful written and very touching. Keep doing well

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    1. आपका बहुत बहुत आभार अंकल। आपने व्यस्त होते हुए भी सद्य मेरा उत्साह बढ़ाया है। आपका आशीष अनमोल है। कृपया आते रहें व अपना स्नेह बनाए रखें ।

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  24. Replies
    1. आदरणीय सर, सबसे पहले तो आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर।
      आपके इस प्रोत्साहन भरी प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत आभारी हूँ । कृपया अपना स्नेह बनाए रखें और आते रहें ।

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  25. बेहतरीन रचना बहुत अच्छी बात कही, har चीज की एक सीमा होती हैं, हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. आदरनिया मैम, आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर। आपके इस प्रोत्साहन भरी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार। कृपया आती रहें व अपना स्नेह और आशीष बनाए रखें ।

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  26. परिहास सदा इतना सुख दे,
    किसी रोगी को स्वस्थ करे।
    किसी की चिंता हरण करे,
    किसी का मन आश्वस्त करे।
    किसी की भूल सुधारे,
    ग्लानि न दे,
    किसी अकेले की एकाकी हरे ।
    किसी शत्रुता का नाश करे,
    किसी मित्रता को आबाद करे।
    बहुत सुन्दर सटीक एवं सार्थक सृजन प्रिय अनंता जी!
    हास परिहास अपनी सीमा में रहकर ही होना चाहिए
    बहुत ही लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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  27. Bahut sundar bhavna.. wish Bhagwanji hum sab ko sadhbuddhi aur sauhadrya dein.

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  28. अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
    greetings from malaysia
    द्वारा टिप्पणी: muhammad solehuddin
    let's be friend

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